Wednesday, March 2, 2011

न्याय वही सही होता है जब हमारे पक्ष में होता है और हीरो वही होता है जो जीतता है ...

मेरे हिसाब से हम लोगों का एक जैसा ही मानना है कि न्याय वही सही है जब हमारे पक्ष में हो और नायक वही होता है जो जीतता है. हिटलर जीत जाता तो इतिहास और इतिहासकार उसकी दुहाई दे रहे होते और हेमू जीत जाता तो हेमू की गाथायें दर्ज होतीं. कौरव जीत गये होते तो शायद दुर्योधन के पक्ष में हम लोग तर्कों के बाण लेकर खड़े होते. आजकल बड़ी वितृष्ण सी हो रही है. किसी काम को करने की इच्छा नहीं हो रही है. नेता, अफसर सब एक जैसे. सब भाषण पिलाकर ही जनता को स्वस्थ करने की महती जिम्मेदारी निभा रहे हैं. आश्वासनों का चूर्ण बांटते हैं और कानून अपना काम करेगा, जैसे मधुर वाक्य कान में डालकर गरीबों की क्षुधा को शान्त करने की दिशा में पूर्ण प्रयास कर रहे हैं. गरीब भी उतना ही चालाक बन रहा है, अपना वोट यूं ही नहीं डालता!  कहीं नोट तो कहीं दारू और कहीं कपड़े. नूरा कुश्ती चालू है और यह भी कि कौन किसे बेवकूफ बना ले और कितनी अधिक मात्रा में.

16 comments:

  1. इतिहास सदा जीतनेवाला ही लिखता है।

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  2. यह वेदना ही है, और व्यथित करती है।

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  3. जो जीता वही सिकंदर, आज तो न्याय सोनिया तय करती है जो इटली के हित में होता है

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  4. बिल्कुल सही..... यही विचारधारा है , थी और शायद रहेगी....

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  5. आने वाला वक्त शायद कुछ बदलाव लेकर आये ! अब तो यही उम्मीद की जा सकती है.

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  6. हमारे देश के ये भ्रष्ट और हरामखोर नेता लोग, इनका वोट बैंक तो तभी न्यायपालिका की दुहाई इस तरह से देता है कि "हमारा न्यायव्यवस्था में पूरा भरोसा है " जब फैसला उसके पक्ष में जाता है ! इस देश का इससे बड़ा और का न्यातंत्र का मखौल हो सकता है कि २० साल पहले जो लालू अरबों का चारा डकार गया उसका यह न्यायतंत्र आज तक बाल बांका भी नहीं कर सका ! और मेरा यह मानना है कि इस देश में तभी से भ्रष्टाचार चरम पर पहुंचा जब सबने ( सब भ्रष्ट लोगों ने ) लालू को देखा कि जब इतना खाने के बाद इसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सका हो हम भी बच जायेंगे !

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  7. अपने हाथ पर कट लगने पर अपने ही हाथ से खून क्यों निकलता है, दूसरे के हाथ से क्यों नहीं ?

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  8. सत्यवचन!
    महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ!

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  9. अपने आज के लिए अपना वोट दे वो अपने साथ अपने बच्चो का भी भविष्य ख़राब करते है पर कौन समझाए |

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  10. वीर भोग्या वसुंधरा ।

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  11. कांग्रेसी नेता इस बात का जी तोड़ प्रयत्न कर रहे हैं कि किसी प्रकार से सत्ताधारी परिवार (दल नही परिवार) की छवि गरीबों के हितैषी के रूप मे सामने आए, इसके लिए वो छल छद्म प्रपंच इत्यादि का सहारा लेने से भी नही चूकते। इसकी जोरदार मिसाल आपको नीचे के चित्र मे मिल जाएगी
    http://bharathindu.blogspot.com/2011/03/blog-post.html?showComment=1299158600183#c7631304491230129372

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  12. aaj ka garib ameeron ko dekh kar apni ran-niti tay karta hai....mahatvakankshaen bhi...darroo sabse, note bhi sabse or vote deta hi nahi...deta bhi hai to usko...yane jaatbhai ko ...
    khair....
    sadhuwaad...

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  13. सत्य वचन.
    घुघूती बासूती

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मैंने अपनी बात कह दी, आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा है. अग्रिम धन्यवाद.