Sunday, January 30, 2011

गारन्टी-वारन्टी क्या है...

दुकान पर कोई भी चीज खरीदिये, विशेषत: इलेक्ट्रिकल या इलेक्ट्रानिक्स की. हर दुकानदार सामान बेचते समय उसकी खासियत बताता है और फिर गारन्टी या वारन्टी के बारे में.  पहले लोग बताते थे कि गारन्टी वह वचन होता है जो निर्माता वस्तु के ग्राहक को उस चीज के निजी उपयोग में लाने पर एक निश्चित समयावधि के अन्दर वस्तु में कोई खोट आने पर उस वस्तु को बदलने के लिये देता है. हालांकि गारन्टी के साथ भी कई शर्तें जुड़ी रहती हैं. और यह इतनी अधिक होती हैं, इतने महीन अक्षरों में दर्ज होती हैं और ऐसी भाषा में लिखी होती हैं कि लाखों में बिरला ही इन शर्तों को पढ़ता होगा. वारन्टी के बारे में लोगों ने यह बताया कि गारन्टी के स्थान पर यह नया शब्द वारन्टी आया है और वारन्टी में आवश्यक नहीं कि वस्तु बदलकर दूसरी वस्तु प्रदान की जाये, बल्कि उसी वस्तु को सुधारकर दिया जायेगा.
अब असल मुद्दे पर आते हैं. माना मैंने एक मिक्सी खरीदी 01-01-2011 को. इस पर वारन्टी या गारन्टी है छ: महीने की. अर्थात 31-06-2011 तक यह मिक्सी गारन्टी या वारन्टी में है. इस दौरान 25-06-2011 को यह खराब हो जाती है.  मैं इस मिक्सी को दुकानदार को या फिर सर्विस सेन्टर को दे देता हूं. अब मुझे यह रिपेयर्ड या नई मिक्सी दी जाती है 20-07-2011 को. मैं यह जानना चाहता हूं कि क्या भारत में प्रचलित नियमों के अनुसार इस रिपेयर्ड या नई मिक्सी पर गारन्टी या वारन्टी 20-07-2011 से आगे छ: महीने के लिये वैध होगी या नहीं.

Saturday, January 29, 2011

ताऊ. डाट इन पर कमेन्ट डिस-एबल्ड !

Tuesday, January 25, 2011

फिर इन नामों को लाने का क्या लाभ

अभी टेलीविजन पर देख रहा हूं , एक परिचर्चा चल रही है कालेधन की वापसी को लेकर. यह बताया जा रहा है कि विदेशी बैंकों ने हमारे देश को कालाधन जमा करने वाले लोगों की सूची इस शर्त के साथ दी है कि हमारे यहां इन लोगों के नामों का खुलासा नहीं किया जायेगा. यदि इन नामों का खुलासा होना ही नहीं है तो फिर इन नामों को लाने का क्या लाभ. 

Saturday, January 15, 2011

राह चलते कुछ चित्र

साथ चलते चलते अचानक दोराहे पर जब हमसफर की राह अलग हो जाये तो ?