भगवा युद्ध : एक युद्ध राष्ट्र के विरुद्ध
: जेयूसीएस और फुट प्रिंट्स प्रस्तुति की फिल्म : अवधि - 61 मिनट : इस फिल्म के निर्माण की शुरुआत 2005 में मऊ दंगे के रूप में पूर्वी उत्तर प्रदेश में हिंदुत्ववादियों द्वारा गुजरात दोहराने की कोशिश को समझाने के लिए हुई. इसके कुछ अंशों को अयोध्या फिल्म महोत्सव और इंडिया हैबिटेट सेंटर नई दिल्ली में प्रदर्शित किया जा चुका है. फिल्म के कुछ दृश्यों के आधार पर मानवाधिकार संगठनों ने योगी आदित्यनाथ के खिलाफ उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में मुक़दमा किया है.
गोरखनाथ पीठ सदियों से निचली श्रमिक जातियों की ब्राह्मणवाद विरोधी सांस्कृतिक चेतना का केंद्र रहा है. कालांतर में मुस्लिमों को एक हिस्सा भी इसके प्रभाव में आया और मुस्लिम जोगियों की एक धरा भी यहाँ से बह निकली. लेकिन पिछली एक सदी से यह पीठ सावरकर के हिन्दू राष्ट्र के सपने को साकार करने की प्रयोगस्थली बन गयी है. जिसके तहत 'हिन्दुओं के सैन्यकरण और अल्पसंख्यकों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाने' का खाका खिंचा जा रहा है. इस विचार की अभियक्ति समझौता एक्सप्रेस, मालेगांव, मक्का मस्जिद, अजमेर समेत देश के कई हिस्सों में हुए आतंकिवादी विस्फोटों में हुई है. यह फिल्म समाज में साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण करने के लिए की जा रही 'टेरर पोलिटिक्स' को समझाने का एक प्रयास है.
निर्देशक - राजीव यादव, शाहनवाज़ आलम, लक्ष्मण प्रसाद परिकल्पना - शाहनवाज़ आलम, राजीव यादव, शरद जयसवाल, विजय प्रताप, शाह आलम
संपादन - राकेश कुमार, संदीप दुबे
सम्पर्क - 623/13 शंकरपुरी, कमता, पोस्ट-चिनहट,लखनऊ (उ.प्र.) 09415254919,09452800752
कुछ भला होगा क्या ?
ReplyDeleteइस विवरण को देखकर यह फिल्म देखने की इच्छा हो रही है।
ReplyDeleteाच्छी जानकारी। धन्यवाद।
ReplyDeleteSach hai jara dekhen to sahi ... kya sach hai jo hamen aaj tak pata nahi chala ...
ReplyDeleteदेखी नही है ये फिल्म ।
ReplyDeleteदेखी जायेगी फिल्म...
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