Thursday, May 5, 2011

वीभत्स और घृणित - मूक जानवरों के साथ ऐसा अत्याचार

कुछ कह नहीं सकता. शायद ही इससे अधिक बर्बर कृत्य कोई और हो. ये जानवर बोल नहीं सकते, लेकिन महसूस तो कर ही लेते हैं. कटने वाले किसी पशु-पक्षी को उस समय देखिये जब कसाई उसे अपने हाथ में पकड़ता है. हर समय, हर रोज, कभी स्वाद के लिये, कभी जरूरत के लिये और कभी त्योहारों और प्रथाओं के नाम यह व्यवहार! साइज इस लिये इतना छोटा कर दिया है कि इसे देखते ही विचलित कर देने वाला और अप्रिय अहसास हो सकता है...
यह रहा लिंक.
Embedded Video हटा दिया गया है, आपको ऊपर लिंक पर क्लिक कर देखना पड़ेगा.यदि कलेजा मजबूत हो तो ही  देखियेगा...

20 comments:

  1. बहुत दर्दनाक तस्वीर|

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  2. ओह! मैं नही देख पाई.कांप उठी. मैं मांसाहारी हूँ.पर ....ये तो कभी सोचा नही था.शायद अब ना खा पाऊँ फिर कभी.उफ़ मैं अब तक शरीर में एक सिहरन महसूस कर रही हूँ.वो भैंसे की आधी कटी गार्डन और उसका तडपना....खून का सैलाब.ईश्वर मुझे माफ करे.

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  3. देख आये सरजी।
    गर्दन काटकर ऐसे gesture दिखा रहा है लड़का जैसे कोई बॉलर विकेट लेने पर दिखाता है। तरक्की करेगा।

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  4. लोमहर्षक दृश्‍य। काफी पहले मैं इन्‍टरनेट पर आतंकियों द्वारा एक रूसी सैनिक की गर्दन इसी प्रकार कटते हुए देख चुका हूँ। उस समय भी ऐसा ही भयावह अनुभव हुआ था।

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  5. देखकर मन दुखी हो गया।

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  6. जो काम दूर से भी देखे नहीं जा सकते उन्हें भी हमारे-आपके जैसे जीते-जगते मनुष्य अंजाम देते हैं और उनका काम कानून-सम्मत भी कहलाता है। इससे घटिया मज़ाक और क्या हो सकता है।

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  7. लिंक खोलकर देखा नहीं है, पता नहीं कैसे खाते हैं?

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  8. itna mazboot kaleja lekar nahi aaye hain is dunia me .par aapki bat ke marm ko jante hain.baraut bagpat me ek jain muni yantrik kasaighar ko band karane ke liye kai din se bhookhe baithe hain aur yadi aap jaise log is dunia me hain to ve apne abhiyan me avashay safal honge.

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  9. bahut ghatiya laga un sab ka vartaav....
    dekha hai kabhi kabhar maine par itna dardnaak nahi dekha tha...

    wo bol nahi sakte aur jo ye karte hain unhone bahut bade jaanwar ko maara hai ....
    unhe to bandook dekar seema par jabardasti bhejna chahiye tha
    kash wo china me rahte ...kyonki bharat me aisa nahi hota hai..

    jai hind

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  10. बिल्कुल वाजिब बात उठाई है ... जब किसी को इस तरह से कटा जाता है कितना भयानक होता है ... कभी मैंने भी बकरे को बलि देते समय देखा है ... ओह काश ऐसे कास लोगों को कुछ तो मानवता होती ... कसाई तो उस दौरान मुस्कुराते हैं कोई शिकन नहीं होती है .... आभार

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  11. जानवरों के प्रति व्यवहार को लेकर बहुत संवेदनशील हूँ....... लिंक नहीं देखा है.... क्योंकि शायद देख ही नहीं सकूंगी :(

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  12. मैंने थोडा देखकर बंद कर दिया क्युकी मेरा धर्म भैंस और बकरा काटना बचपन से नहीं सिखाता है,,
    वीभत्स दृश्य

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  13. पहले यह वीडियो देख रखा था, यह पूरी तौर पर निन्दनीय है ।
    निन्दा करे कौन, कतिपय लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँच सकता है ।

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  14. हिम्मत ही नहीं हुई विडियो देखने की ...
    भ्रूण हत्याएं भी इसी प्रकार ही होती होंगी ...लोग इंसानों को मारने से नहीं हिचकते, जानवरों की क्या परवाह करेंगे !

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  15. uff ! dekha nahi gaya.itni berhmi se kisi janvar ko hallal karna aisa to janvar bhi nahi karte honge .
    kya manushy apne swarth vash itna neeche gir jaata hai ki use hallal
    karte samay daya ka matr ansh bhi
    nahirah jaata usme .main to shuru se hi isko jaghany -apraadh hi manti hun.chahe vah kisi bhi avsar ke liye kyo na ho .
    agar insaan ke saath bhi yahi saluk kiya jaaye to?
    kabeer das ji ka ek doha yaad aagaya
    bakri paati khaat hai ,jako moti khal
    jo nar bakri khat hai ,tako koun hawal
    prakritipradatt bhaut si cheeje hammari xhudha -purti ke liye bani hai fir liog mansahar ke peechhe kyon bhagte hain .(kripya mansahaari log ise anytha na len ye to man me ek vichar tha shayad bahut saalon se jo aaj is blog ke jariye likh gai.xhma chahti hun anytha na lijiyega)ple-------;)
    bahut hi vicharniy post
    poonam

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  16. उफ़! खोफनाक,दर्दनाक ,वीभत्स,घृणित,बर्बर और निंदनीय.
    मांसाहारी कृपया इंदू पुरी गोस्वामी जी के अनुभव को समझने की कोशिश करें.
    माँसाहारी जानवर भी ऐसा नहीं करते.

    मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.आपका हार्दिक स्वागत है.
    ध्यान परिवर्तित हों शायद कुछ आराम आये.

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  17. पूरा विडियो मैंने देखा और देखकर गुस्सा नहीं आया आखिर आये भी तो क्यों क्या हम नहीं जानते की ऐसा हर जगह हो रहा है. और भारत जैसे देश में यह कार्य हमारी सरकार ही करा रही है., जानवर भले ही मुसलमान कट रहा है पर कटवा तो हिन्दू ही रहा है क्योंकि सरकार चला कौन रहा है. सेल एक दिन कोढ़ से मरेंगे. हम चाहते है की ऐसे विडियो आप हल्ला बोल के लेखक बनकर भी लगायें ताकि अधिक से अधिक तक यह बात पहुंचे.
    .
    जानिए क्या है धर्मनिरपेक्षता
    हल्ला बोल के नियम व् शर्तें

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  18. क्या जानदार बात कही है आपने।
    लेकिन यहाँ हमाम में सब नंगे वाली बात है।
    मुझसे नहीं देखा गया ये दर्दनाक विडियो।

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  19. बहुत ही शर्मनाक व निँदनीय

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मैंने अपनी बात कह दी, आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा है. अग्रिम धन्यवाद.