अमेरिका ने अपने और मानवता के दुश्मन ओसामा बिन लादेन को मार गिराया. भारत की राजनीति के व्यापारियों अब तो कुछ शर्म करो. पाकिस्तान को अब तो सहलाना बन्द करो. भारत की खुफिया एजेंसियों के प्रमुखों कुछ तो इससे सीखो.
अब तो अपने नागरिकों की जान की सुरक्षा करो और जिन्होंने हमारे बंधुओं की जान ली है, उनके लिये समुचित उत्तर दो.
अब तो अपने नागरिकों की जान की सुरक्षा करो और जिन्होंने हमारे बंधुओं की जान ली है, उनके लिये समुचित उत्तर दो.
जय हो!
ReplyDeleteइस्लामाबाद में? कोई आश्चर्य?
ReplyDeleteजय हो ... वैसे पाकिस्तान का भी जवाब नही ... इतने सालों तक कोई खबर नही लीक होने दी ...
ReplyDeleteइस बात की तो पूरी सम्भावना थी कि ओसामा पाकिस्तान में है। देखना यह है कि अब पाकिस्तान कौन सा नया बहाना बनाता है।
ReplyDeleteये तो होना ही था।
ReplyDeleteलेकिन कसाब तो जिन्दा है अभी । शाही मेहमान बन कर रह रहा है । इस कसाब का कबाब बने तो कोई बात बने।
ReplyDeleteयही होना था।
ReplyDeleteयह तो बहुत अच्छा हुआ!
ReplyDeleteदुआ यही है कि कोई दूसरा ओसामा न पैदा हो!
यही होना था। धन्यवाद|
ReplyDeleteओसामा के साथ पाकिस्तान का यह धोखा नाकाबिले बर्दाश्त है .
ReplyDeleteek na ek din to yah hona hi tha
ReplyDeleteहम सेकुलर हैं ..हमारी सरकार कसब और अफजल को दामाद बना कर रखेगी...
ReplyDeleteक्युकी हम राष्ट्र को भूल छद्म सेकुलरिज्म के पुजारी हैं..
आशुतोष की कलम से....: धर्मनिरपेक्षता, और सेकुलर श्वान : आयतित विचारधारा का भारतीय परिवेश में एक विश्लेषण:
हमारे दिग्गी राजा तो ओसामा की लाश की चिन्ता कर रहे हैं कि उसे धार्मिक रीति-रिवाज से दफनाया क्यों नहीं!
ReplyDeleteशर्मनाक स्तर के भ्रष्टाचारियों तथा उनके धनपशुओं ने अपने प्यादे को मारा अब और कोई नया प्यादा बना लिया जायेगा जो सत्ता की दलाली तथा दलाल सत्ताधीशों के लिए आतंक का खेल खेल सके...अमेरिका और उसकी खुपिया एजेन्सी ऐसे ही खेल खेलकर अमेरिका को समृद्ध बना चुकी है...आतंक का व्यापार और कठपुतली सरकार के जरिये धनकुबेरों के खजाने को भरना ही आज सबसे बरा व्यापार है...
ReplyDeleteमजा आ गया! बधाई हो!
ReplyDeleteविवेक जैन vivj2000.blogspot.com
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ReplyDeleteमुझे तो चिन्ता है कि पाकिस्तान की अरबों की कमाई अब कहाँ से होगी ?
बड़े-भाई कान उमेठेंगे, यह सोच कर थरथर काँप रहा है ।
हमारा क्या हम तो अपमान सहिष्णु देश हैं ।
पँचशील के अगुआ आप ही थे, सर जी !
हम हैं,गौरवपूर्ण परँपरा के वारिस !
जय हो ..
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