Saturday, January 19, 2013

सरोकार की पत्रकारिता और वेब-साइट पर तस्वीरें


खबरिया चैनल मुद्दों को बड़े जोर-शोर से उठाते हैं. दिल्ली में हुये जघन्य दुष्कृत्य पर भी इन चैनलों ने देश को जागरुक करने का कार्य किया. कुछ चैनल तो बाकायदा यह दम भरते हैं कि उनके जैसा कोई नहीं. किन्तु उनकी वेब-साइट्स पर ऐसे ऐसे फोटो अपलोड़ किये जाते हैं कि उन्हें देखकर कोई भी सम्भ्रान्त व्यक्ति दोबारा साइट पर आने से तौबा कर ले.
और तो और सरोकार की पत्रकारिता का दावा करने वाले ये चैनल/अखबार, अपनी वेब-साइट पर,  एक फैशन माडल जिसने निर्वसन होने का वादा किया था, एक रियलिटी शो में शिरकत करने वाली एक महिला जिसे ** स्टार कहा जाता है, एक और कथित अभिनेत्री जिसने पैसों के लिये क्या कुछ नहीं करने के दावे किये, के तमाम नुमाइशी फोटो, जिसमें शरीर के कुछ हिस्सों को ब्लर कर या उस पर कुछ आकृति अंकित कर सैकड़ों की संख्या में पोस्ट करते हैं.
क्या केवल सर्कुलेशन/हिट्स बढ़ाने के लिये ये ऐसा नहीं करते. यदि ऐसा इस वजह से नहीं है, तो फिर क्यों? और अगर वजह यही है तो सरोकारी पत्रकारिता का झूठा दम्भ क्यों? फिर वही कि जैसा समय, वैसा मुखौटा.

16 comments:

  1. सच कहा आपने, समाचार अपने आप में रोचक होते है, पर एक स्तर तक। उनमें जबरजस्ती तड़का लाने की कोई आवश्यकता नहीं समझ आती है।

    ReplyDelete
  2. पूर्ण सहमत ! टाइम्स ऑफ़ इंडिया की साईट पर तो मैं लिखते लिखते थक गया कि यों शिक्षा के नाम पर यह गोरख धंधा बंद किया जाए, लेकिन इन्हें तो अपने धंधे की पडी है !

    ReplyDelete
  3. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    आपकी पोस्ट के लिंक की चर्चा कल रविवार (20-01-2013) के चर्चा मंच-1130 (आप भी रस्मी टिप्पणी करते हैं...!) पर भी होगी!
    सूचनार्थ... सादर!

    ReplyDelete
  4. आपसे पूर्ण सहमति है। यह पत्रकारिता के नहीं गैरजिम्मेदार दूकानदारी के नमूने हैं।

    ReplyDelete
  5. सही कहा है ... कई बार ऑनलाइन ख़बरों को पढ़ने जाओ तो शर्म सी आने लगती है ... ये सब अपनी दुकान चलाने के धंधे हैं ...

    ReplyDelete
  6. सामयिक और सटीक आलेख...बहुत बहुत बधाई...

    ReplyDelete
  7. सुन्दर प्रस्तुति!
    वरिष्ठ गणतन्त्रदिवस की अग्रिम शुभकामनाएँ और नेता जी सुभाष को नमन!

    ReplyDelete
  8. मीडिया की नैतिकता और सामाजिक जिम्मेदारियों पर व्यावसायिकता हावी है.

    ReplyDelete
  9. We cannot rely on anyone in this corrupt ERA. All are alike.

    ReplyDelete
  10. सच कहते हैं मिडिया और तन बेचने वालों में कोई फर्क नही ।

    ReplyDelete
  11. सर, यह सब हमें ऐसे दृष्यों, ऐसी बातों, ऐसी सेलेब्रिटीज़ के प्रति used to करने के लिये हो रहा है और इसमें हम सब जिम्मेदार हैं।

    ReplyDelete
  12. किन्तु उनकी वेब-साइट्स पर ऐसे ऐसे फोटो अपलोड़ किये जाते हैं कि उन्हें देखकर कोई भी सम्भ्रान्त व्यक्ति दोबारा साइट पर आने से तौबा कर ले.

    शर्मनाक ....!!

    ReplyDelete
  13. जन बिका है मन बिका है और नेता बिक गया
    न्याय बिकता काम बिकता और मीडिया बिक गया

    ReplyDelete
  14. अच्छा मुद्दा उठाया आपने। बुरी हालत है।

    ReplyDelete
  15. इन्हें सिर्फ पैसा चाहिए ...
    शुभकामनायें आपको !

    ReplyDelete
  16. क्या कहूं। बेहतर है चुप रहना ।

    ReplyDelete

मैंने अपनी बात कह दी, आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा है. अग्रिम धन्यवाद.