Monday, February 20, 2012

गुलाब तो गुलाब ही रहेगा....





13 comments:

  1. वाह! दम साध कर इंतजार करें कली के पूरा खिलने का!
    सुन्दर।

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  2. मन की आह्लादित करता प्रकृति का अद्भुत सौन्दर्य ..

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  3. एक पुराना गीत याद आ गया ; ये कली जब तलक फूल बनके...........:)

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  4. भवानीप्रसाद जी की एक कविता याद आ गयी

    गुलाब का फूल है
    हमारा पढ़ा – लिखा
    मैंने उसे काफी
    उलट-पुलट कर देखा है
    मुझे तो वह ऐसा ही दिखा
    सबसे बड़ा सबूत
    उसके गुलाब होने का यह है
    कि वह गाँव में जाकर बसने के लिए तैयार नहीं है

    गाँव में उसकी प्रदर्शनी कौन कराएगा
    वहाँ वह अपनी शोभा की प्रशंसा किससे कराएगा
    वह फूलने के बाद किसी फसल में थोड़े ही बदल जाता है

    मूरख किसान को फूलने के बाद फसल देने वाला ही तो भाता है

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  5. कि आतिश गुल को करती है गुलाब आहिस्ता आहिस्ता.........................

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  6. @आशुतोष जी - मुझे भी गेंहू और गुलाब याद आ गया..
    @संजय जी - आनंद आ गया, शेर पूरा कीजिए..
    @गोदियाल जी - क्या खूब गीत सुझाया है..
    @पाण्डेय जी - कली तो खिल गई, पर अफसोस फूल का फोटो न ले पाया..
    @डा० श्रीवास्तव जी, शर्मा जी और शास्त्री जी - आप सभी लोगों का आभार...

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  7. खूबसूरत चित्र, स्कूल में पढी एक और कविता याद आ गयी -

    अबे, सुन बे गुलाब
    भूल मत जो पाई खुशबू रंगोआब
    खून चूसा खाद का तूने अशिष्ट
    डाल पर इतरा रहा है कैपिटलिस्ट ...

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  8. सचमुच बहुत सुन्दर हैं! जैसा मुझे अच्छा लगता है कि केवल फ़ूल ही फोकस में हो और आसपास सब फोकस से बाहर हो, बिल्कुल वैसे! :)

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  9. काँटों के बीच खिल के भी गुलाब गुलान ही है ...
    लाजवाब फोटो हैं सभी ...

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  10. गुलाब के फ़ोटो और भवानी प्रसाद मिश्र जी की कविया बहुत सुन्दर है।

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मैंने अपनी बात कह दी, आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा है. अग्रिम धन्यवाद.