Saturday, January 28, 2012

भक्तों को घंटे-घन्टी बजाने से रोक...इसे पढ़कर तो बहुत आश्चर्य हुआ और क्षोभ भी...

क्या ऐसा भी हो सकता है? आँध्रप्रदेश सरकार की साम्प्रदायिकता का एक अजीब और दुखद उदाहरण सामने आया है | हैदराबाद में चार मीनार के पास स्थित भाग्यलक्ष्मी जी के मंदिर पर ‘आरती के समय घंटे’ बजाने पर रोक है; जिसके लिए प्रशासन ने दो महिला कांस्टेबल भी भक्तों को घंटे-घन्टी बजाने से रोकने के लिए लगाये है| नीचे  का फोटो देखकर आपको हकीकत का अंदाजा लग जायेगा | लिंक यह है.|

13 comments:

  1. खुद जो रोज सुबह ४ बजे लाउडस्पीकर पर भौपू बजाकर मेरी नींद खराब करते है उसका क्या?
    क्या होगा इस देश का ?

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  2. अजब देश की गज़ब कहानी

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  3. बहुत सुन्दर,सार्थक प्रस्तुति।

    ऋतुराज वसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।

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  4. ...और अगर कांस्टेबल के हटते ही कोई बजा गया तो ?

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  5. हाय रे लोकतंतर तेरी लाठी तेरी भैंस.

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  6. मेरा भारत महान !

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  7. आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति
    आज चर्चा मंच पर देखी |
    बहुत बहुत बधाई ||

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  8. आहटें हैं ये..... आने वाले समय में क्या होगा ...हम सब खुद सोचें .... :(

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  9. बहुत बेहतरीन और प्रशंसनीय.......
    मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।

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  10. ऐसे ही अजान के स्पीकर बंद कर देना चाहिये

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  11. बड़े नाजुक हैं इस्लामिक कान?

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  12. .

    काकर पाथर जोरी के मस्जिद दियो बनाए ,
    ता चढ़ी मुल्ला बांग दे, का बहरा हुआ खुदाय?

    इस्लाम में अकल घास चरने गयी है । साथ में कुछ सेक्युलर हिन्दू भी घास छील रहे हैं।

    .

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मैंने अपनी बात कह दी, आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा है. अग्रिम धन्यवाद.