Sunday, August 28, 2011

डा० अमर कुमार और शम्मी कपूर - अब स्वर्गीय.

कल बन्धु श्री अनुराग शर्मा जी के फेसबुक अपडेट से पता चला कि डा०अमर नहीं रहे. बड़ा धक्का लगा. कुछ समय से रोग-ग्रसित थे किन्तु इसके बावजूद उनकी जिन्दादिली में कोई कमी नहीं आई थी. इटैलिक्स में लिखी उनकी टिप्पणियां जिसमें कभी भोजपुरी तो कभी पंजाबी और कभी अंग्रेजी का शानदार तड़का लगा होता था, सत्य को प्रतिबिम्बित करती थीं. माडरेशन के विरुद्ध रहे और अपनी बात को पूरी दृढ़ता से सामने रखते रहे. साहसी, निर्भय, लाग-लपेट से दूर, जैसा कि मैंने हमेशा पाया. एक-दम खरी बात कहने और सुनने के आदी. बहुत धारदार लेखन. पैना, जीवंत, जब व्यंग्य करते, तो सामने वाले को उसकी तीक्ष्णता का अहसास होता.  बहुत कुछ लिखने के लिये बैठा था, लेकिन न लिख सका. आपकी बहुत आवश्यकता थी हमें, लेकिन लगता है कि हमसे अधिक आवश्यकता ईश्वर को थी. आपको नमन.


इससे कुछ दिनों पहले शम्मी कपूर के निधन की खबर पढ़ी.  बहुत छोटा था तो शायद जंगली देखी थी, श्वेत - श्याम टेलीविजन पर. उसका गीत "चाहे कोई मुझे जंगली कहे" जुबान पर चढ़ गया था. शम्मी जी को पर्दे पर देखता तो लगता कि काश मैं भी ऐसा बन सकूं, हर समय ऊर्जा से ओत-प्रोत युवक. मानो उनके अन्दर कोई ऐसी बैटरी लगी थी जो हर समय ही फुल चार्ज्ड रहती. आखिर कोई व्यक्ति कैसे इतना ऊर्जावान, इतना मस्त हो सकता है.  बाद में यह समझ में आया कि पर्दे पर तो एक कैरेक्टर प्ले करना पड़ता है अभिनेता को. उसके बाद भी मेरे मन से वह छवि कभी विखंडित नहीं हुई. बल्कि उस छवि से मैं निरन्तर ऊर्जा प्राप्त करता रहा. पत्र - पत्रिकाओं से पता चलता रहा कि शम्मी जी कभी रिटायर नहीं हुये, बल्कि हमेशा अपने लिये नये जमाने के साथ जोड़े रहे. मृत्यु एक अटल सत्य है. समय के इस दरिया में न जाने कितने लोग प्रवाहित हो गये और रह गयीं तो सिर्फ यादें.

12 comments:

  1. उनकी आत्मा को शान्ति मिले।

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  2. विनम्र श्रद्धांजलि.

    रामराम.

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  3. वाकई
    ‘‘तारीफ करूं क्या उसकी...’’’

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  4. ब्लॉग जगत और फिल्म जगत की अपूरणीय क्षति। विनम्र श्रद्धांजलि।

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  5. दोनों ही जन अपनी अपनी फ़ील्ड में अप्रतिम स्थान रखते थे। विनम्र श्रद्धांजलि।

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  6. और जैसे जैसे वर्ष बीतते हैं, लगता है मानो मित्रों और जान पहचान के लोगों के जाने की गति बढ़ती जा रही है!

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  7. अमर जी से कभी परिचय नही हुआ था पर अब विभिन्न स्त्रोतों से उनके बारे मे जानकारी मिल रही है इश्वर उनकी आत्मा को मोक्ष प्रदान करे शम्मी कपूर साहब का नाम लेते ही डल झील मे नाव पर उनका और शर्मीला जी का गीत यद आ जाता है उसके बाद ट्रेन पर उनका और दिलीप कुमार का गीत भी याद आ रहा है बेमिसाल शख्शियत के मालिक थे वो

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  8. ब्लॉग जगत और फिल्म जगत की अपूरणीय क्षति।

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  9. भगवान उनकी आत्मा को शान्ति दे ... हमारी विनम्र श्रधांजलि है डाक्टर अमर को और शम्मी कपूर जी को ..

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  10. डा.अमर अपने मित्रों के मन में अमर रहेंगे.बिना मिले ही न जाने कितनों के प्रिय हो गए थे.
    घुघूती बासूती

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  11. स्वर्गीय अमर कुमार जी कि जिंदादिली मिसाल थी....हंसी खेल नहीं जिंदादिल होना....
    कैंसर का रोगी होने के बाद भी सही में इतना सहासी होना कम बहादूरी की बात नहीं है...

    शम्मी कपूर भारत में कई साल तक इंटरनेट बिरादरी के अध्यक्ष हुआ करते थे....यू ट्यूब पर शम्मी कूपर अनप्लग में वो अपनी दिल की बातें ऱख रहे थे....कि अचानक कहते कहते वो सो गए..ये भी काफी जिंदादिल थे किडनी की बीमारी के बाद भी .

    एक बार जरुर देखिएगा...कई पार्ट में है

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