महबूबा मुफ्ती एक पावर प्वाइंट प्रजेन्टेशन में कश्मीर के कुछ हिस्सों को चीन और पाकिस्तान का मान रही हैं. विजन आन कश्मीर नाम के इस प्रजेन्टेशन में महबूबा श्रीनगर को चीन के यारकंद से जोड़ना चाहती हैं. चीन पहले ही कश्मीर को विवादित मानता आ रहा है और कश्मीर तथा अरुणाचल के निवासियों को अलग से नत्थी कागज पर वीसा देने का प्रयास करता आया है. महबूबा मुफ्ती के इस नये कदम से पाकिस्तान और चीन का मनोबल निश्चित रूप से बढ़ेगा और अलगाववादियों का मनोबल भी. भारत की अखंडता पर खतरा किन लोगों से है, शायद अब तो साफ हो जाना चाहिये. भेड़िया आया, भेड़िया आया का शोर मचाकर बहुत दिनों तक किसी को बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता और न ही आंख मूंदने से खतरा दूर हो जाता है. सिर्फ आशा कर सकता हूं कि HOAX पर खामखाह जनता का ध्यान केन्द्रित न कराया जा जायेगा और आसन्न सच्चे खतरे को भांपकर उस पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी. यदि इसे भी व्यर्थ का प्रलाप मानते हुये कड़ी कार्रवाई नहीं की जाती तो देश की अखंडता के ऊपर गम्भीर खतरा मंडरा रहा है..
यद्यपि भारत के कई हिस्सों पर पाकिस्तान और चीन ने कब्जा कर रखा है, लेकिन कब्जा होने के कारण से ही हम उसे अपने नक्शे से निकाल नहीं सकते. और यह तो फिर हमारी अस्मिता, हमारी पहचान की बात है. आज को कश्मीर के हिस्से, कल को देश का कोई और टुकड़ा हो सकता है, वह भी जिसमें हम आप रहते हैं.
यद्यपि भारत के कई हिस्सों पर पाकिस्तान और चीन ने कब्जा कर रखा है, लेकिन कब्जा होने के कारण से ही हम उसे अपने नक्शे से निकाल नहीं सकते. और यह तो फिर हमारी अस्मिता, हमारी पहचान की बात है. आज को कश्मीर के हिस्से, कल को देश का कोई और टुकड़ा हो सकता है, वह भी जिसमें हम आप रहते हैं.
देश की अखंडता की किसे फ़िक्र है? वोट बैंक और सैक्यूलर छवि विखंडित नहीं होनी चाहिये, बस्स।
ReplyDeleteअरुणाचल पर चीन के कब्जे के बारे में संसद में बहस के दौरान यह स्पष्टीकरण दिया गया था कि वहाँ उस जमीन पर तो वैसे भी कुछ उगता नहीं, ऐसा सुना है।
इस के लिये हम सब जिम्मेदार हे , जो बार बार इस काग्रेस को जीताते हे, ओर यह अपना वोट बेंक इन लोगो को समझती हे, ओर देश को गर्त मे धकेल रही हे
ReplyDeleteखोखली राजनीति की भेट चढ़ रही देश की अस्मिता ....... अफसोसजनक
ReplyDelete20 साल पहले कश्मीर की हालत पहली बार सबसे खराब तभी हुई थी जब इन्ही महबूबा के पिता मुफ्ती देश के गृह मंत्री थे और दूसरे वाले मि. सिंह पर्धान मंत्री। जेल में पडे खूंख्वार आतंकवादियों को छोडा गया था क्योंकि तथाकथित आतंकवादियों ने इनकी बहन रुबैया सईद को अपने घर ले जाकर ब्रैकफास्ट-लंच-डिनर कराकर आतंकवादियों को छोडने के बदले बाइज़्ज़त बरी कर दिया था।
ReplyDeletesahi kaha aap sab ne
ReplyDeletesab rajniti
बहुत चिन्ताजनक स्थिती है ऐसे नेताओं का बस चले तो पूरा देश ही बेच दें। लानत है इन पर जिस थाली मे खाते हैं वहीं छेद करते हैं।
ReplyDeleteभाई साहब, बिलकुल जरुरत है बाहर से केसी के धक्के देने की , क्योंकि हमारी आदत तो सिर्फ धक्का खाने की है ! वैसे झूठ बोलने में माहिर इन लोगो ने अपनी सफाई आज पेश कर दी है, जिसमे उनका कहना है कि हमने वो इसलिए अलग दिखाए, कि यह दर्शाया जा सके कि वे भी हमारे हिस्से है !
ReplyDeleteबहुत ही चिंता जनक स्थिति है, वैसे हम ही इसके लिए जिम्मेदार हैं.
ReplyDeleteसहमत हूँ आपसे !
ReplyDeleteआसन्न सच्चे खतरे को भांपकर उस पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी. यदि इसे भी व्यर्थ का प्रलाप मानते हुये कड़ी कार्रवाई नहीं की जाती तो देश की अखंडता के ऊपर गम्भीर खतरा मंडरा रहा है..
ReplyDeletesahi hai .....!!
इस के लिये हम सब जिम्मेदार हे
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