Saturday, February 25, 2012

रेत का समंदर








35 comments:

  1. बढ़िया , आखिरी चित्र में पहाडी सीढ़ी नुमा खेत से लग रहे है

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    1. पहाड़ पर बहुत मेहनत करनी पड़ती है खेती करने के लिये...

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    2. मुझे हमेशा से सीढ़ीदार खेत बहुत अच्छे लगते हैं.

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    1. आपके ब्लॉग पर नहीं आ सका, जिसके लिये क्षमा...

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    1. दुःख, हम लोग कुदरत से दूर होते जा रहे हैं...

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  4. देखा, देखता रहा...

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  5. आपका बहुत बहुत धन्यवाद, शास्त्री जी..

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  6. आहा कितना सुन्दर. प्रकृति की लीला अतुलनीय है.

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  7. हवा और रेत की आँखमिचौली - सुन्दर कलाकृतियाँ!

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    1. रेत के अपरदन से हवा चित्र उकेर ही देती है.

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  8. करिश्मा समुद्र सा..अतुलनीय,सुन्दर

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  9. खूबसूरत छायांकन.... वाह!!
    सादर.

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  10. नयनाभिराम नजारा..

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  11. रेतीले मन पर उभरते चित्र , कुछ कहते हुए, कुछ समझाते हुए, कुछ याद दिलाते हुए....

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    1. जी, बिल्कुल, प्रकृति की कूंची है ही ऐसी.

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  12. बहुत सुन्दर चित्र!

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  13. वाह - बहुत ही सुन्दर चित्र | एक कविता की पंक्तियाँ याद आ गयीं - जिसमे कहा गया था - पीछे जाती लहरें रेत पर साँपों (सी धारियां ) छोड़ जाती हैं |

    यहाँ इस रेत पर दिखती यह धारियां, जाने पानी की लहरियों ने खीची, या के हवा के झोंकों ने ?

    चित्रकारी किसी की ही क्यों न हो, चित्र बड़े सुन्दर बन पड़े हैं |

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    1. धन्यवाद, महान चित्रकार है वह अनन्त.

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  14. रेट के ऐसे सामुन्दर तो हमारे दुबई में खूब नज़र आते हैं ... लाजवाब फोटो हैं सभी ...

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    1. शायद दुबई में तो हरियाली भी खूब हो गयी है. धन्यवाद.

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  15. क्या कलाकारी है रेत पर प्रकृति की।

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मैंने अपनी बात कह दी, आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा है. अग्रिम धन्यवाद.