अभी अभी खबरों में आ रहा है कि आर एस पुरा सेक्टर में पाकिस्तान की तरफ से भारी गोलाबारी हो रही है और बी एस एफ का एक जवान शहीद हो चुका है. उसकी शहादत को नमन और ऐसी शहादतों को कूड़ेदान में फेंकने वाले निकम्मे राजनीतिबाजों को धिक्कार. आखिर कब तक बिरयानी खिलाई जाती रहेगी पाकिस्तान और पाकिस्तान के समर्थक देश में रहने वाले नागरिकों को. कब तक अमन की आशा और क्रिकेट कूटनीति जैसे जुमले उछालकर भारत के आम नागरिकों को बेवकूफ बनाया जाता रहेगा. कब तक हमारे जवानों को शहीद करवाया जाता रहेगा, कभी संसद के हमलों में, कभी सीमाओं पर और कभी मुम्बई में. आखिर कब तक? अब अगर यह दोस्ती की कीमत है तो ऐसी दोस्ती से दुश्मनी बेहतर.
जो मन में आया वह सब आपके सामने. सर पर मैला ढ़ोते लोगों को देखकर मन कराह उठता है. मुझे लगता है कि सहानुभूति के स्थान पर स्वानुभूति अपनाना बेहतर है. बढ़ती जनसंख्या, पर्यावरण का विनाश और पानी की बर्बादी बहुत तकलीफ देती है. दर्द उस समय और भी बढ़ जाता है जब कानून का पालन कराने वाले ही उसे तुड़वाते हैं.
Saturday, May 14, 2011
Thursday, May 5, 2011
वीभत्स और घृणित - मूक जानवरों के साथ ऐसा अत्याचार
कुछ कह नहीं सकता. शायद ही इससे अधिक बर्बर कृत्य कोई और हो. ये जानवर बोल नहीं सकते, लेकिन महसूस तो कर ही लेते हैं. कटने वाले किसी पशु-पक्षी को उस समय देखिये जब कसाई उसे अपने हाथ में पकड़ता है. हर समय, हर रोज, कभी स्वाद के लिये, कभी जरूरत के लिये और कभी त्योहारों और प्रथाओं के नाम यह व्यवहार! साइज इस लिये इतना छोटा कर दिया है कि इसे देखते ही विचलित कर देने वाला और अप्रिय अहसास हो सकता है...
यह रहा लिंक.
यह रहा लिंक.
Embedded Video हटा दिया गया है, आपको ऊपर लिंक पर क्लिक कर देखना पड़ेगा.यदि कलेजा मजबूत हो तो ही देखियेगा...
Wednesday, May 4, 2011
Monday, May 2, 2011
ओसामा मारा गया
अमेरिका ने अपने और मानवता के दुश्मन ओसामा बिन लादेन को मार गिराया. भारत की राजनीति के व्यापारियों अब तो कुछ शर्म करो. पाकिस्तान को अब तो सहलाना बन्द करो. भारत की खुफिया एजेंसियों के प्रमुखों कुछ तो इससे सीखो.
अब तो अपने नागरिकों की जान की सुरक्षा करो और जिन्होंने हमारे बंधुओं की जान ली है, उनके लिये समुचित उत्तर दो.
अब तो अपने नागरिकों की जान की सुरक्षा करो और जिन्होंने हमारे बंधुओं की जान ली है, उनके लिये समुचित उत्तर दो.
पंकज मलिक साहब का गाया हुआ एक गीत...
"ये रातें, ये मौसम, ये हंसना-हंसाना", पंकज मलिक साहब का गाया हुआ एक गीत सुनें. इस गीत के शब्द मुझे बहुत अच्छे लगते हैं, बहुत कोमल शब्द रचना है. इन्हीं का गाया हुआ एक गीत है "हुआ आंख और दिल में झगड़ा". इस गीत का आर्केस्ट्राइजेशन कमाल का है, मुझे तो सम्मोहित सा कर लिया इस गीत ने. अगली दफा आपको सुनवाऊंगा.
Sunday, May 1, 2011
"मन्ना डे" साहब को जन्मदिन पर बधाई और शुभकामनायें..
आज मन्ना डे साहब का जन्म दिन है. बड़े महान गायक हैं मन्ना दा. एक बार पुन: उन्हें बधाई और सारे चाहने वालों को भी..
चलो न गोरी मचल मचल के
चलो न गोरी मचल मचल के अभी तो बालापन है. चांद सी सूरत प्रेम की मूरत पांवों में झांझन है. यह गीत गाया है सी०एच०आत्मा जी का. यूट्यूब पर खोजते हुये यह गीत मिल गया. कितने कोमल भाव हैं इस गीत में. कई वर्ष पहले चन्द्रू जी की आवाज के कुछ कैसेट खरीदे. कैसेट खरीदते समय यह भान नहीं था कि इसमें इतनी बढ़िया आवाज छुपी होगी, इतना खूबसूरत संगीत और उतने ही खूबसूरत बोल होंगे. कई फिल्मों में भी अभिनय किया है. और शायद कामचोर के एक गीत में एक दो पंक्तियां भी गाई थीं, "तुम से बढ़कर दुनिया में न देखा कोई और" में प्रारम्भिक पंक्तियां आत्मा साहब ने ही गाई थीं और उसके बाद किशोर कुमार ने यह गाना गाया था. बहुत ही दमदार और मधुर आवाज है जनाब की. मुझे अधिक जानकारी नहीं, अगर आप देंगे तो अच्छा लगेगा. कभी कभी यह सोचकर खराब लगता है कि हम लोग अपने इस बेशकीमती खजाने की कद्र नहीं कर सके और यह सोचकर अच्छा भी लगता है कि हमारा देश तो वाकई हीरे उगलता है... लीजिये सुनिये..
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