क्या ऐसा भी हो सकता है? आँध्रप्रदेश सरकार की साम्प्रदायिकता का एक अजीब और दुखद उदाहरण सामने आया है | हैदराबाद में चार मीनार के पास स्थित भाग्यलक्ष्मी जी के मंदिर पर ‘आरती के समय घंटे’ बजाने पर रोक है; जिसके लिए प्रशासन ने दो महिला कांस्टेबल भी भक्तों को घंटे-घन्टी बजाने से रोकने के लिए लगाये है| नीचे का फोटो देखकर आपको हकीकत का अंदाजा लग जायेगा | लिंक यह है.|
खुद जो रोज सुबह ४ बजे लाउडस्पीकर पर भौपू बजाकर मेरी नींद खराब करते है उसका क्या?
ReplyDeleteक्या होगा इस देश का ?
अजब देश की गज़ब कहानी
ReplyDeleteबहुत सुन्दर,सार्थक प्रस्तुति।
ReplyDeleteऋतुराज वसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।
...और अगर कांस्टेबल के हटते ही कोई बजा गया तो ?
ReplyDeleteहाय रे लोकतंतर तेरी लाठी तेरी भैंस.
ReplyDeleteमेरा भारत महान !
ReplyDeleteआपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति
ReplyDeleteआज चर्चा मंच पर देखी |
बहुत बहुत बधाई ||
आहटें हैं ये..... आने वाले समय में क्या होगा ...हम सब खुद सोचें .... :(
ReplyDeleteगज़ब
ReplyDeleteबहुत बेहतरीन और प्रशंसनीय.......
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।
ऐसे ही अजान के स्पीकर बंद कर देना चाहिये
ReplyDeleteबड़े नाजुक हैं इस्लामिक कान?
ReplyDelete.
ReplyDeleteकाकर पाथर जोरी के मस्जिद दियो बनाए ,
ता चढ़ी मुल्ला बांग दे, का बहरा हुआ खुदाय?
इस्लाम में अकल घास चरने गयी है । साथ में कुछ सेक्युलर हिन्दू भी घास छील रहे हैं।
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