Sunday, March 25, 2012

अस्तित्व ?





16 comments:

  1. ye kon chitrakar hae .bdhai is ankhi post hetu.

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  2. ये ही नियति है

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  3. ये भी खत्म हो जायगा जल्दी ही अगर नहीं जागे तो ...

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  4. हमारी सहिष्णुता का चरम और परम का अंकन

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  5. सर्वम् दुःखम् सर्वम् क्षणिकम् ...

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  6. अस्तित्व सिमटता जा रहा, दुखद है पर सत्य.

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  7. नदियों का वर्तमान ही तय करेगा हमारा भविष्य।

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  8. बहुत सुंदर । मेरे पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।

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  9. बहुत ही बेहतरीन रचना....
    मेरे ब्लॉग

    विचार बोध
    पर आपका हार्दिक स्वागत है।
    रामनवमी की शुभकामनाएँ।

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  10. प्रश्न देती सार्थक पोस्ट ...
    सुंदर प्रयास ...
    शुभकामनायें ...

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  11. सार्थक और सामयिक पोस्ट, आभार.

    कृपया मेरे ब्लॉग" meri kavitayen" की नयी पोस्ट पर भी पधारें, आभारी होऊंगा.

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  12. सिमट रहा है अस्तित्व । ना जागे तो मिट ही जायेगा ।

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  13. पिछले कुछ दिनों से अधिक व्यस्त रहा इसलिए आपके ब्लॉग पर आने में देरी के लिए क्षमा चाहता हूँ...

    ....... अस्तित्व सिमटता जा रहा

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मैंने अपनी बात कह दी, आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा है. अग्रिम धन्यवाद.