tag:blogger.com,1999:blog-3843971247209653970.post8892545074650866954..comments2023-10-31T15:41:45.101+05:30Comments on भारतीय नागरिक-Indian Citizen: घूस माँगी जा रही है-कहने वाला निलम्बित और सिपाही की हत्या का मामला निपटा...भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttp://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-3843971247209653970.post-10990769468928263022012-10-30T14:09:20.402+05:302012-10-30T14:09:20.402+05:30कुआं ही भांग से भरा हुआ है..जिसकी सफाई जाने कब हो ...कुआं ही भांग से भरा हुआ है..जिसकी सफाई जाने कब हो पाएगी.....। Rohit Singhhttps://www.blogger.com/profile/09347426837251710317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3843971247209653970.post-81032463590934275282012-10-30T10:09:24.905+05:302012-10-30T10:09:24.905+05:30समय पड़ने पर प्राथमिकतायें बदल जाती हैं...यही तो द...समय पड़ने पर प्राथमिकतायें बदल जाती हैं...यही तो दुख है देश का।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3843971247209653970.post-24237354155626100452012-10-30T09:15:49.554+05:302012-10-30T09:15:49.554+05:30डाकू ही जब सत्ता पर काबिज है तो हमें तो चोर और स...डाकू ही जब सत्ता पर काबिज है तो हमें तो चोर और सिपाही का खेल एक बेईमानी ही नजर आती है !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3843971247209653970.post-48825036346568153402012-10-30T08:57:05.708+05:302012-10-30T08:57:05.708+05:30@दर-असल इस अपने - पराये रवैये ने ही सारे सिस्टम को...@दर-असल इस अपने - पराये रवैये ने ही सारे सिस्टम को खोखला कर दिया है. हर व्यक्ति अपने मामले को अलग नजरिये से देखता है और सामने वाले के मामले को अलग नजरिये से, और यह स्थिति तब और खतरनाक हो जाती है जब यही रवैया पुलिस और प्रशासन में बैठे लोग अपना लेते हैं जो न्याय दिलवाने के लिये प्रथम सीढ़ी होते हैं. कभी कभी तो बड़ा ताज्जुब होता है कि क्या हम वाकई उन लोगों के वंशज हैं जिन्होंने अपनी हड्डियाँ तक दान कर दी थीं, राक्षसों के विनाश हेतु. अथवा यह सब कपोल कल्पित है जो हमने सिर्फ अपनी वाहवाही लूटने के लिये गढ़ लिया है या फिर कोई भयंकर जिनेटिक गडबड हो गई है.<br /><br />- सही कहा आपने! निहित स्वार्थों से ऊपर उठे बिना बदलाव नहीं आ सकेगा! :(Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.com