tag:blogger.com,1999:blog-3843971247209653970.post6644438930239978604..comments2023-10-31T15:41:45.101+05:30Comments on भारतीय नागरिक-Indian Citizen: यहाँ न तो लिंग भेद है और न ही गुलाबभारतीय नागरिक - Indian Citizenhttp://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-3843971247209653970.post-65085463174015532372012-03-14T18:04:28.605+05:302012-03-14T18:04:28.605+05:30संवेदनशील पोस्ट!संवेदनशील पोस्ट!अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3843971247209653970.post-18282883805495084212012-02-23T21:27:43.440+05:302012-02-23T21:27:43.440+05:30वाकई ये कैसा बचपन है! इनके दिमाग में अभी से ये बात...वाकई ये कैसा बचपन है! इनके दिमाग में अभी से ये बातें. इतनी खूबसूरत गुडिया सी बच्ची और ये सिखाया गया!भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3843971247209653970.post-76864365020679476412012-02-23T21:24:54.696+05:302012-02-23T21:24:54.696+05:30@संजय जी-मैं भी देखने जा रहा हूँ....@संजय जी-मैं भी देखने जा रहा हूँ....भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3843971247209653970.post-70803887658078852102012-02-23T20:19:59.921+05:302012-02-23T20:19:59.921+05:30दोबारा आया हूँ, आना पड़ा। एक हम हैं जो गेहुँ बीनते...दोबारा आया हूँ, आना पड़ा। एक हम हैं जो गेहुँ बीनते बच्चों को देखकर भी भावुक हो जाते हैं(होना भी चाहिये) और उधर.....? ...http://swapnamanjusha.blogspot.in/2012/02/blog-post_23.htmlसंजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3843971247209653970.post-32951718445843705822012-02-22T15:59:13.222+05:302012-02-22T15:59:13.222+05:30यह एक विचारणीय तथ्य है। भारत में परम्परागत रूप स...यह एक विचारणीय तथ्य है। भारत में परम्परागत रूप से कृषि कार्य में परिवार के सभी सदस्य, वयस्क एवं अवयस्क, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लगे हुए हैं। यदि ऐसे बच्चों का बचपन एवं उनकी शिक्षा पभावित हो रही है, तो उन्हें बाल श्रमिक की श्रेणी में क्यों न रखा जाए?जीवन और जगत https://www.blogger.com/profile/05033157360221509496noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3843971247209653970.post-76203961496034009392012-02-21T22:10:36.340+05:302012-02-21T22:10:36.340+05:30जरुरत है सही मार्ग दर्शन की ....
सरकार तो स्कूलों ...जरुरत है सही मार्ग दर्शन की ....<br />सरकार तो स्कूलों में बच्चों को हर चीज मुहैया करवा ही रही है ...<br />यहाँ तो गाँव के बच्चे अब पढाई की और अग्रसर हो रहे हैं ....हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3843971247209653970.post-82659501213701464892012-02-21T20:12:44.335+05:302012-02-21T20:12:44.335+05:30गुलाबों से तो गेहूं अच्छा है इनका भी पेट पाल रहा ह...गुलाबों से तो गेहूं अच्छा है इनका भी पेट पाल रहा है और हम जैसों का भी । स्कूलों का जो हाल है...........हम भी जानते हैं और आप भी । पर बात आपकी सच है कि यह उम्र तो अपने आप को बनाने की है ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3843971247209653970.post-35201489220574050382012-02-21T18:43:38.092+05:302012-02-21T18:43:38.092+05:30@ज्ञानदत्त पाण्डेय जी- मैं आपकी बात से सहमत हूँ कि...@ज्ञानदत्त पाण्डेय जी- मैं आपकी बात से सहमत हूँ कि वह स्कूल भी क्या जो ऐसे उत्पाद पैदा करे जो अपना नाम भी न लिख पायें, लेकिन फिर भी ये उम्र कम से कम खेत में काम करने की तो नहीं.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3843971247209653970.post-86269180820098538552012-02-21T16:51:57.835+05:302012-02-21T16:51:57.835+05:30पता नहीं, जो पढ़ रहे हैं, वे कौन निहाल कर दे रहे ह...पता नहीं, जो पढ़ रहे हैं, वे कौन निहाल कर दे रहे हैं। <br /><br />कितने दसवीं पास मिलेंगे जो न ढंग से वाक्य लिख सकते हैं न जोड़ घटाना जानते हैं। <br /><br />अच्छा लगता है सोचना कि इनको स्कूल जाना चाहिये पर वह स्कूल (माई फुट) जो व्यक्ति को किसी भी काम के लिये नकारा बनाता हो, क्या फायदा?Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3843971247209653970.post-85273324215504239192012-02-21T14:37:26.421+05:302012-02-21T14:37:26.421+05:30कानून तो बहुत हैं..मानता कौन है..कानून तो बहुत हैं..मानता कौन है..shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3843971247209653970.post-85767461547789498072012-02-21T14:08:59.613+05:302012-02-21T14:08:59.613+05:30ये समस्या इतनी आसानी से नहीं सुलझने वाली ... शर्मन...ये समस्या इतनी आसानी से नहीं सुलझने वाली ... शर्मनाक है देश का इतिहास इस समस्या को लेकर ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3843971247209653970.post-36313990768046186092012-02-21T09:58:44.016+05:302012-02-21T09:58:44.016+05:30सच में बहुत तकलीफदेह है यह सच्चाई ......सच में बहुत तकलीफदेह है यह सच्चाई ...... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3843971247209653970.post-73113955660051511092012-02-21T09:18:58.603+05:302012-02-21T09:18:58.603+05:30दूसरा पहलू भी है, ये लोग गरीब हैं, और देश की क्या ...दूसरा पहलू भी है, ये लोग गरीब हैं, और देश की क्या परिस्थिति है हर कोई वाकिफ है मगर ये लोग कमसे कम अपने बच्चो को पेट पालना तो सिखा रहे है! आजकल की हमारी नालायक औलादों को तो अपने खुद के सर के बाल सवारने के लिए कंघी पकडनी नहीं आती !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3843971247209653970.post-4186470994720376682012-02-21T08:11:54.521+05:302012-02-21T08:11:54.521+05:30मेरा देश महान!मेरा देश महान!P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3843971247209653970.post-87157653629794557312012-02-21T08:08:42.967+05:302012-02-21T08:08:42.967+05:30'स्कूल चलें हम' बस गीत ही बनकर रह गया!'स्कूल चलें हम' बस गीत ही बनकर रह गया!कुमार राधारमणhttps://www.blogger.com/profile/10524372309475376494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3843971247209653970.post-19418122772253155822012-02-21T08:07:44.014+05:302012-02-21T08:07:44.014+05:30जिनको स्वयं फसल बन बढ़ना चाहिये, वे औरों की फसल का...जिनको स्वयं फसल बन बढ़ना चाहिये, वे औरों की फसल काट रहे हैं।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3843971247209653970.post-67067819461769213782012-02-21T06:43:05.107+05:302012-02-21T06:43:05.107+05:30बच्चे का प्रश्न आज़ादी के इतने दशक बाद आज भी उतना ...बच्चे का प्रश्न आज़ादी के इतने दशक बाद आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना विदेशी शासन के दिनों में था, यह वाकई शर्मनाक है।Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3843971247209653970.post-26038020619637172702012-02-21T06:20:10.844+05:302012-02-21T06:20:10.844+05:30एक बात है, गुलाब भी तभी अच्छे लगते हैं जब गेहूँ का...एक बात है, गुलाब भी तभी अच्छे लगते हैं जब गेहूँ का ब्योंत हो...संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.com