tag:blogger.com,1999:blog-3843971247209653970.post426221063687043727..comments2023-10-31T15:41:45.101+05:30Comments on भारतीय नागरिक-Indian Citizen: सैकड़ों की संख्या में ख़बरें और मंहगाई दर.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttp://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-3843971247209653970.post-23074823327314363292012-03-14T18:15:46.778+05:302012-03-14T18:15:46.778+05:30बवाल है खबर सुनना भी!बवाल है खबर सुनना भी!अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3843971247209653970.post-87834754965749569962012-02-21T14:16:30.017+05:302012-02-21T14:16:30.017+05:30ख़बरें बेचते हैं ये .. जितनी ज्यादा बेचेंगे उतना ह...ख़बरें बेचते हैं ये .. जितनी ज्यादा बेचेंगे उतना ही मुनाफा ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3843971247209653970.post-80694669328612686202012-02-20T18:47:22.624+05:302012-02-20T18:47:22.624+05:30नेहरू की तपस्या का वरदान तो पिछले ६४ वर्षों से वैल...नेहरू की तपस्या का वरदान तो पिछले ६४ वर्षों से वैलिड है कांग्रेस के पास... हर चैनल पर देश को लूटने वाले वही विदेशी चेहरे देख-देख कर उबकाई आती है अब तो...ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3843971247209653970.post-56694644267557210762012-02-19T18:15:23.901+05:302012-02-19T18:15:23.901+05:30टेलीवीजन तो देखता नहीं, पर छ मर्च को देखूंगा जरूर!...टेलीवीजन तो देखता नहीं, पर छ मर्च को देखूंगा जरूर!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3843971247209653970.post-16015840401468957462012-02-18T23:23:50.292+05:302012-02-18T23:23:50.292+05:30लेकिन एक तरीके से तेज रफ्तार खबरें दिखाना अच्छा भी...लेकिन एक तरीके से तेज रफ्तार खबरें दिखाना अच्छा भी हैं.कई बार जब मैं जल्दी में होता हूँ तो इन्हें ही देखता हूँ और वैसे भी विस्तृत खबर कई बार ऊबाउ भी लगती हैं साथ ही दिन में कई बार दिखाई जाती हैं.<br />अखबार पढते समय भी कई बार जब हम जल्दी में होते हैँ तो सिर्फ खबरों के शीर्षकों पर ही नजर डालते हैं.बुलेट की रफ्तार से खबरें भी ऐसा ही अनुभव हैं.राजनhttps://www.blogger.com/profile/05766746760112251243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3843971247209653970.post-89195678007993843252012-02-16T20:02:47.145+05:302012-02-16T20:02:47.145+05:30बड़ा दिलचस्प वर्णन है। कुछेक जगह तो हंसी रोके नहीं...बड़ा दिलचस्प वर्णन है। कुछेक जगह तो हंसी रोके नहीं रूकी।कुमार राधारमणhttps://www.blogger.com/profile/10524372309475376494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3843971247209653970.post-47957166191466023542012-02-15T20:10:23.115+05:302012-02-15T20:10:23.115+05:30सवेरा होगा कभी तो ..उम्मीद पर दुनिया कायम है.सवेरा होगा कभी तो ..उम्मीद पर दुनिया कायम है.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3843971247209653970.post-1710644265887619562012-02-15T12:37:41.955+05:302012-02-15T12:37:41.955+05:30इन टीवी चैनलों का तो क्या कहना कोई मैग्नेटिक बम के...इन टीवी चैनलों का तो क्या कहना कोई मैग्नेटिक बम के बारे में न भी जानता हो तो ये बनाना और प्लांट करना भी ख़बरों में ही सिखा देते है उसे ! और ऐसे बे-कार और बे-घर लोग हमारे इस देश के कर्णधार है !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3843971247209653970.post-14330219692386581092012-02-15T12:08:11.543+05:302012-02-15T12:08:11.543+05:30आजकल न्यूल चैनलों का हाल कुछ वैसा ही है जैसे किसी...आजकल न्यूल चैनलों का हाल कुछ वैसा ही है जैसे किसी चाय की दुकान पर पढे जाने वाल सस्ते अखबार। कुछ क्षेत्रीय चैनलों में तो सब्जी मण्डी में हुई सांडों की लडाई जैसी खबरें तक प्रसारित की जाती हैं। इतने चैनल हो गये हैं कि शायद बडी खबरें कम पडने लगी हैं। इसलिए गली, मुहल्लों तक की खबरें प्रसारित की जाने लगी हैं।जीवन और जगत https://www.blogger.com/profile/05033157360221509496noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3843971247209653970.post-18351227403819507812012-02-15T08:57:25.888+05:302012-02-15T08:57:25.888+05:30खबर के इतने बड़े ढेर में भी क्या सचमुच कोई खबर होत...खबर के इतने बड़े ढेर में भी क्या सचमुच कोई खबर होती है? इसीलिये टीवी देखना न के बराबर ही हो गया है।Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3843971247209653970.post-71858540525355110282012-02-15T05:56:57.846+05:302012-02-15T05:56:57.846+05:30चुपचाप मूकदर्शक बनकर बैठा रहता है... उंहु.
दर्शक क...चुपचाप मूकदर्शक बनकर बैठा रहता है... उंहु.<br />दर्शक के हाथ में रिमोट रहता है... वह भी फ़ायर कर देता है चुपचाप मूकदर्शक बनकर बैठा रहता हैKajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3843971247209653970.post-27432786008511305292012-02-15T05:39:32.991+05:302012-02-15T05:39:32.991+05:30न्यूज़ चैनल्स की तो कहें ही क्या ....?न्यूज़ चैनल्स की तो कहें ही क्या ....? डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.com